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मेरी माँ

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उसको नहीं देखा हमने कभी,हमें उसकी जरूरत क्या होगी। मां तेरी सूरत के आगे भगवान की मूरत क्या होगी।। मां शब्द ऐसा है जिसे परिभाषित नहीं किया जा सकता है। हम कह सकते हैं कि मां शब्द से ही सम्पूर्ण ब्रम्हांड परिभाषित है। बच्चा जब मां के गर्भ में होता है तो माँ अपनी अस्थि, मज्जा, रक्त और श्वांस देकर उसको जीवन प्रदान करती है। माँ तमाम कष्टों को सहकर अपने बच्चे को जन्म देती है, बच्चे की खुशी में उसे लगता है जैसे संसार की सारी खुशियां उसके हिस्से में आ गयी हों।   उन सर्द रातों में अपने बच्चे को सूखे में सुलाकर खुद गीले में सो जाती , ऐसी होती है माँ। बच्चे को थोड़ी सी तकलीफ होती तो माँ रात जागकर काट देती ,सुबह का इंतजार करती और डॉक्टर के पास दिखाने के लिए दौड़ती। दवा दिलाती, दुआ भी देती और जब लगता मेरे लाल को किसी की नजर तो नहीं लग गयी , मन को संतुष्टि नहीं होती तो टोना टोटका कर नजर भी उतारती। संसार में सभी ऋणों से मुक्त हुआ जा सकता है लेकिन मां का ऋण कभी नही चुकाया जा सकता।   मां उंगली पकड़कर चलना सिखाती है , जब हमारे कदम लड़खड़ाते हैं तो वो सहारा देकर हमें गिरने से बचा लेती है।" प

आतंकियों और पत्थरबाजों की हमदर्द महबूबा

जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती का आतंकियों और पत्थरबाजों के प्रति प्रेम फिर उजागर हो गया है , जब उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि रमजान के महीने में सेना एकतरफा युद्धविराम की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि सेना के लगातार एनकाउन्टर, क्रैकडाउन और सर्च ऑपरेशन से आम आदमी को परेशानी हो रही है।   महबूबा मुफ़्ती ने वाजपेयी सरकार का हवाला देते हुए कहा कि 2000 में अटल विहारी वाजपेयी ने एकतरफा यद्धविराम की घोषणा की थी। उन्होंने इसी बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को लाल किला की प्राचीर से दिया हुआ भाषण भी याद दिलाया जिसमें उन्होंने कश्मीरियों को गले लगाने की बात कही थी। सवाल ये है कि रमजान के बहाने और आम नागरिकों की परेशानी का हवाला देकर महबूबा मुफ़्ती आतंकियों और पत्थरबाजों को बचाने की कोशिश तो नहीं कर रहीं है। कुछ दिन पहले ही महबूबा ने आतंकियों और पत्थरबाजों को अपना बच्चा कहा था। जब इनकी सोच ही आतंकियों की सोच से मेल खाती है तो जम्मू कश्मीर में हालात कैसे सुधार सकते हैं। रमजान जैसे पाक महीने में क्या आतंकी सेना और आम नागरिकों पर् हमला करना छोड़ देते हैं ?,

असफलता की डगर से सफलता की मंजिल तक

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कहते हैं कि कर्म ही सफलता की बुनियाद है। ऐसा कर दिखाया है 27 अप्रैल 2018 को घोषित यूपीएससी 2017 के घोषित परिणामों के सफल प्रतिभागियों ने। किसी ने अपने प्रथम प्रयास में तो किसी ने कुछ असफलताओं के बाद सफलता की मंजिल को आखिरकार छू ही लिया। कड़ी मेहनत, एकाग्रता,बेहतरीन कार्य योजना से प्रतिभागियों ने देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा में असफलता को मात दे सफलता का स्वाद चखा।   आईएएस परीक्षा में कई ऐसे युवाओं ने बाजी मारी है जिन्होंने संसाधनों की कमी को सफलता की डगर में रोड़ा नहीं बनने दिया। यहां बात करते हैं जैसलमेर राजस्थान के देशलदान की जिन्होंने यूपीएससी 2017 की परीक्षा में 82वीं रेंक हासिल कर राजस्थान का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया।   दरअसल आईएएस परीक्षा पास करने वाले देशलदान के पिता कुशलदान की चाय की दुकान है। कुशलदान ने अपने बेटे की पढ़ाई में अपनी आर्थिक स्थित को आड़े नहीं आने दिया। पिता ने कर्ज लेकर देशलदान की पढ़ाई को आगे बढ़ाया। देशलदान चाय की दुकान में पिता का सहयोग करता था साथ में खेती बाड़ी में भी हाथ बंटाता था। कठिन परिश्रम के बल

संत के चोले में शैतान

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जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए धर्मिक संत आसाराम बापू को नाबालिग के साथ हुए रेप का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आशा राम और उनके दो सहयोगियों को दोषी मानते हुए आशाराम को आजीवन कारावास वहीं सहयोगियों शिल्पी और शरद को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई है। आशाराम को पॉक्सो ,जुवेनाइल एक्ट एवं भारतीय दंड संहिता की तमाम धाराओं में दोषी मानते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।   सहारनपुर की रहने वाली लड़की के साथ 2013 में आशाराम द्वारा जबरन रेप किया गया था। पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र में पीड़ित लड़की ने 15 अगस्त 2013 की रात का वह भयावह मंजर बयाँ किया जब संत के चोले में एक भेड़िये ने उसकी अस्मिता को तार तार कर दिया। पीड़ित लड़की मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में बारहवीं कक्षा की छात्रा थी। पीड़ित के अनुसार एक दिन उसे आश्रम में चक्कर आ गया। मेरी वार्डन ने मुझे बताया कि मेरे ऊपर भूत प्रेत का साया है। इस मामले में वह गुरु जी आशाराम बापू से बात करेगी। 7 अगस्त को वार्डन ने मेरे घर पर फोन किया और मेरे घरवालों को बताया कि आपकी बेटी की तबियत ठीक नहीं रहती है।

बेटियों से हैवानियत करने वाले दरिंदों को मिलेगी फांसी की सजा

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 मासूम बच्चियों के साथ हो रही दरिंदगी से पूरे देश के लोगों में क्रोध, शर्मिंदगी के साथ ही भय का वातावरण है। शनिवार 21 अप्रैल 2018 को कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि पोस्को एक्ट में संशोधन किया जाएगा जिसमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले को फांसी की सजा दी जाएगी । पॉक्सो  एक्ट में संशोधन के लिए जल्द अध्यादेश लाया जाएगा।   विभिन्न राज्यों में बच्चियों के साथ हो रही रेप की घटनाओं ने देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी हमारी छवि को खराब किया है। राजस्थान की रहने वाली बच्ची को सूरत में बलात्कार के बाद मार दिया जाता है। बच्ची की मां को भी रेप के बाद मार दिया गया । मध्यप्रदेश के इंदौर में 8 महीने की मासूम को बलात्कार के बाद उसके मुंहबोले मामा ने मार दिया। उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के लौनी इलाके में एक सौतेला पिता अपनी बारह वर्षीय बेटी का लगातार 2 महीने बलात्कार करता रहा जब मां को पता लगा तो एफआईआर दर्ज कराने के बाद रेल से कटने के लिए अपनी दोनों बेटियों के साथ रेल के आगे लेट गयी लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें बचा लिया। जम्मू कश्मीर के क

अपराधियों से सेटिंग करती यूपी पुलिस का ऑडियो वायरल

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एक तरफ तो यूपी पुलिस दनादन एनकाउंटर करने में लगी है लेकिन इसके बावजूद भी अपराधियों में कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। महिला अपराधों से लेकर हत्या, लूट, अपहरण जैसी घटनाओं में लगातार बृद्धि हो रही है। जिससे प्रदेश की जनता में भय का वातावरण कायम है। झांसी के मऊरानीपुर थाना प्रभारी सुनीत कुमार सिंह और पूर्व ब्लॉक प्रमुख लेखराज का ऑडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। जिसमें सुनीत कुमार सिंह एनकाउन्टर से बचने के लिए लेखराज से सेटिंग कर रहे हैं । सुनीत कुमार सिंह पूर्व ब्लॉक प्रमुख लेखराज से कहता है कि आपके ऊपर 60 मुकदमें हैं और आप एनकाउंटर के सबसे फिट केस हैं पूरी यूपी में। आप सोच लीजिए अब भाजपा सरकार है । अब आपकी मदद कौन करेगापके 4 लड़के हैं आप समझ नहीं पा रहे हैं। जितने गुर्गे हैं 20-50 आप समझ नहीं पा रहे हैं। दो मिनट में मार देंगे पट पट। अब सरकार में सिस्टम को देखते हुए काम करिए। इधर लेखराज कहता है कि मदद करो यार , मदद करो। सुनीत कुमार कहते है कि मेरी मजबूरी समझिए , मैंने आपको बता दिया है। आप भाजपा जिलाध्यक्ष संजय दुबे और बबीना विधायक राजीव सिंह परीछा से सेटिंग कर लें तो जान बच सकती है। लेखर

साहब, भाषण से नहीं ,राशन से पेट भरता है

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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में भाग लेने लंदन गए हुए हैं। लंदन में बसे भारतीयों को उन्होंने 18 अप्रैल 2018 को संबोधित किया। कार्यक्रम का नाम था " भारत की बात , सबके साथ"  जिसका संचालन प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने किया। कुछ लोग सवाल पूछ रहे थे और प्रधान सेवक जी उसका जबाब दे रहे थे।    उनसे सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो देश टेरेरिज्म एक्सपोर्ट का उद्योग बना के बैठे हैं। निर्दोष लोगों पर हमला करते हैं जिनकी सामने युद्ध लड़ने की ताकत नहीं है। " लेकिन ये मोदी है उसी भाषा में जबाब देना जनता है"। मुझे सर्जिकल स्ट्राइक पर गर्व है। सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को पाकिस्तान की सीमा में घुसकर मार गिराया। अब सवाल इस बात का है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लगातार आतंकी हमल् हो रहे हैं। सेना पर लगातार पत्थरबाजी भी जम्मू कश्मीर में हो रही है जहां आपकी पार्टी महबूबा मुफ़्ती के साथ सत्ता में है। पीडीपी जो हमेशा पत्थरबाजों की हिमायती रही है और जो अफजल गुरु को शहीद मानती है।   जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो प्रध