जब फरियादी को योगी जी ने धक्का मारकर भगाया
मंगलवार 03-04-2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में पूजा अर्चना के बाद जब जनता दरबार में आये तो अपनी फरियाद लेकर लखनऊ के आयुष सिंघल भी पहुंचे। योगी जी से मिलने के बाद आयुष जब बाहर आये तो फूट फुट कर रोने लगे,जब मीडिया द्वारा रोने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारी 22 बीघे जमीन पर नौतनवां के बाहुबली निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर रखा है। आयुष ने कहा कि जैसे ही उन्होंने महाराज जी को यह बताया उन्होनें हमारी फ़ाइल को नाचकर फेंक दिया और कहा कि तुम आवारा हो और तुम्हारे पूरे जीवन में अब कोई कार्यवाही नहीं होगी और धक्का मारकर भगा दिया। मुझे महाराज जी से बहुत आशा थी,अब मैं कहाँ जाऊं। मैं तो व्यापारी हूँ मेरा क्या दोष है। जो धमकी देता है, घर पर पत्थर फिकवाता है उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। इससे पहले भी वह दो बार योगी जी से मिल चुके हैं।
गौरतलब है कि निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने अभी हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के अनिल अग्रवाल को वोट देकर जिताने का काम किया था। बाहुबली विधायक पर अपनी पत्नी को मारने का आरोप है। अमनमणि पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर ,योगी जी के गोरखपुर आगमन पर हुए कार्यक्रम में मंच भी साझा किया था।
आयुष सिंघल का आरोप बेहद गंभीर है। ये कैसा रामराज्य है जहां संवेदना ही नहीं है। वैसे रामचरित मानस में कहा गया है कि" निज परिताप द्रवइ नवनीता। पर दुख द्रवहिं संत सुपुनीता ।। " कि अपने ताप से नवनीत पिघल जाता है लेकिन जो संत होते हैं वो दूसरे के दुख को देखकर द्रवित हो जाते हैं। फिर ये कैसा संतत्व है ? जहां पीड़ित की पीड़ा का समाधान न होकर अपमानित होना पड़े। आप ढोंगी समाजवाद को कह देते हैं फिर आप का आचरण किस कोटि का है। कहीं आप राज्यसभा में अमनमणि द्वारा भाजपा को वोट देने का कर्ज अदा तो नहीं कर रहे हैं। आप के लिए पूरा प्रदेश ही परिवार है इसलिए सबको न्याय जरूर मिलना चाहिए।
सादर
राघवेंद्र दुबे
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