गोल्ड कॉस्ट कॉमनवेल्थ में भारत का स्वर्णिम सफर

रविवार 15 अप्रैल 2018 को 21 वें कॉमनवेल्थ गेम का शानदार समापन हुआ। भारत ने 26 गोल्ड , 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मैडल के साथ पदक तालिका में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
भारत ने शूटिंग में सबसे ज्यादा 7 गोल्ड, 4 सिल्वर एवं 5 ब्रॉन्ज़ मैडल सहित कुल 16 मैडल हासिल किए। दूसरे नंबर पर कुश्ती में 5 गोल्ड, 3 सिल्वर एवं 4 ब्रॉन्ज़ मैडल के साथ कुल 12 मैडल प्राप्त किये। वेटलिफ्टिंग में 5 गोल्ड, 2 सिल्वर,2 ब्रॉन्ज़ मैडल सहित 9 पदक प्राप्त किये। बॉक्सिंग में 3 गोल्ड, 3 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज़ मैडल हासिल किए। टेबल टेनिस में खिलाड़ियों ने 3 गोल्ड, 2 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज़ मैडल हासिल किए।बैडमिंटन में 2 गोल्ड,3 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज मैडल जीता। एथलेटिक्स में 1 गोल्ड, 1सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज़ मैडल भारतीय खिलाड़ियों ने जीता। स्क्वॉश में 2 सिल्वर मेडल वहीं पेरापावर में 1 ब्रॉन्ज़ मैडल जीता।
  भारतीय खिलाड़ियों ने अपने शानदार खेल की दम पर सभी भारतीयों का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया।आखिरी दिन साइना नेहवाल ने बैडमिंटन सिंगल मुकाबले में पीवी सिंधू को हराकर स्वर्ण पदक जीता।किदाम्बी श्रीकांत को एकल मुकाबले में सिल्वर से संतोष करना पड़ा। माणिक बत्रा 4 पदक जीतकर सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी रहीं।
भारत ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में 38 स्वर्ण,27 सिल्वर, 36 ब्रॉन्ज़ मैडल कोल 101 मैडल के साथ सबसे ज्यादा पदक जीते थे और दूसरा स्थान प्राप्त किया था। 2002 में 30 गोल्ड, 22 सिल्वर, 17 ब्रॉन्ज़ मैडल के साथ भारत ने कुल 69 पदक जीतकर चौथा स्थान हासिल किया था। 2006 में 22 गोल्ड, 17 सिल्वर,11 ब्रॉन्ज़ सहित 50 मैडल जीतकर चौथा स्थान हासिल किया था। 2014 ग्लासगो में 15 गोल्ड,30 सिल्वर,19 ब्रॉन्ज़ मैडल जीतकर पाँचवा स्थान हासिल किया था।

  शूटिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर निशाना रखा और भारत की ओर से सबसे ज्यादा मैडल प्राप्त किये । वहीं भारतीय पहलवानों दिनेश फोगाट, अवारे ,सुशील ने भारतीय कुश्ती का दम दिखाकर विरोधियों को पस्त कर दिया।  16 वर्षीय मनु भाकर,15 वर्षीय अनीस भानवाला ने जैसे युवाओं ने गोल्ड पर निशाना साधकर भारत का मान बढ़ाया। पूनम यादव ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीता।
पहला राष्ट्रमंडल खेल 1930 में कनाडा में खेल गया था।हर 4 वर्ष के अंतराल में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाता है। इसके बाद एशियन गेम्स का आयोजन होना है जहां पर खिलाड़ियों को और तैयारी के साथ जाना होगा। भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। सरकार प्रतिभाओं की तलाश कर उन्हें खेल के लिए जरूरी सुविधएं उपलब्ध कराए तो भारत विश्व में खेलों में अपना विशिष्ट स्थान हासिल कर सकता है।

वनारस की पूनम यादव ने गोल्ड जीतने के बाद कहा था कि वह अपने माता पिता की चौथी संतान हैं। उन्होंने दर्द भरे स्वर में कहा था कि अगर उनके माता पिता के यहां पहले बेटा हो जाता तो शायद वह अस्तित्व में नहीं होती। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि उनके पिता ने कर्ज लेकर भी उनको आगे बढ़ाने का काम किया। बेटी ने गोल्ड जीतकर अपने माता पिता के साथ भारत का नाम रोशन कर दिया। उसी बेटी ने माता पिता का कर्ज अदा कर अपने परिवार को आगे बढ़ने का काम किया। कॉमनवेल्थ गेम्स में अनुभवी मेरीकॉम के साथ महिला खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया। हमे गर्व है बेटियों पर जो पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर देश को आगे ले जाने का काम कर रही हैं। शानदार प्रदर्शन के लिए सभी को बधाई।

 

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